- रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सुरक्षा बलों के साथ हुई बर्बरता पाकिस्तानी सेना के सहयोग के बगैर संभव नहीं है।
नई दिल्ली।
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सुरक्षा बलों के साथ हुई बर्बरता पाकिस्तानी सेना के सहयोग के बगैर संभव नहीं है।
जेटली ने बुधवार को यहां मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देने के दौरान इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि पाकिस्तान के इस संबंध में आ रहे खंडन की कोई विश्वसनीयता नहीं है। जिस तरह से घटनाक्रम हुआ है उससे यह साफ हो गया है कि पहले भारतीय सुरक्षा बल के जवानों को मारा गया और फिर उनके साथ बर्बरता की गई।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के सहयोग के बगैर यह संभव ही नहीं है। इसलिए पाकिस्तान इसका जितना खंडन कर लें लेकिन उसमें कोई विश्वसनीयता नहीं है। उनसे पूछा गया था कि इस मामले में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था और सबूत दिए गए हैं लेेकिन पाकिस्तान ने इसमें उसकी सेना के शामिल होने का खंडन किया है।
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर भारतीय जवानों के साथ हुए इस बर्बर कृत्य के प्रति आक्रोश जताते हुए कहा कि इस घटना में पाकिस्तानी सेना शामिल हैं।
विदेश सचिव गोपाल बागले ने प्रेस को संबोधित करते हुए एक सवाले के जवाब में बताया था कि जो लोग सीमापार से आए थे वे पाकिस्तान से नहीं, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से आए थे।
उन्होंने कहा कि यह जाहिर सी बात है कि वे वहीं वापस गए जहां से आए थे और जो खून के धब्बे मिले हैं वे पाकिस्तानी सैनिकों के थे। एलओसी पर मिले खून के धब्बे सीमा पार तक गए हैं।
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