इन स्कूली बैग के बारे में अधिकारी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पैसों को बर्बाद नहीं करना चाहते थे लिहाजा उन्होंने इन बैग को बच्चों में बंटवाने का फैसला लिया है। नए सत्र के लिए स्कूली बच्चों को देने के लिए कुल 35000 बैग बनवाए गए थे जिनपर अखिलेश यादव की तस्वीर छपी थी। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री ने इस बात का फैसला लिया है कि अब इन बैग को बांटने के लिए किसी भी नेता का नाम नहीं इस्तेमाल किया जाएगा, अब इस योजना का नाम मुख्यमंत्री योजना या उत्तर प्रदेश योजना किया जाएगा। यूपी में चुनाव के दौरान कई योजनाएं शुरु की गई थी, जिसमें से कई योजनाओं का नाम समाजवादी शब्द से जुड़ा था, इसके साथ ही अखिलेश यादव की तस्वीर इसपर इस्तेमाल की जाती थी। जिसमें से कुछ योजनाओं के नाम समाजवादी नमक, समाजवादी स्मार्टफोन आदि है। नमक के पैकेट पर अखिलेश यादव की तस्वीर, जबकि स्कूलों में बाटे जाने वाले प्लेट पर अखिलेश यादव के स्टिकर लगाए गए थे।
सूत्रों की मानें तो योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस बात का फैसला लिया है कि इन तमाम बैग को बनाने में खर्च हुए पैसों को देखते हुए इसे बांटने पर रोक नहीं लगाया जाएगा। वहीं योगी आदित्यनाथ के इस फैसले पर सपा का कहना है कि उनके इस फैसले को कुछ ज्यादा ही बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जा रहा है। जब अखिलेश यादव सत्ता में आए थे तो उन्होंने भी मायावती द्वारा बनवाए गए पार्कों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया था।
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