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Wednesday, 3 May 2017

नक्सलियों से लोहा लेने निकली 'लेडी सिंघम', आधुनिक हथियार से लैस थी टीम




चंद्रप्रभा चौकी इंचार्ज, अशोक तिवारी के नेतृत्व में सीआरपीएफ, पुलिस व पीएसी के जवानों ने दुर्गम क्षेत्र समेत हिनौत घाट, खुटहड़, सेमरियां, गहिला, नरकटी, गुड़टूटवा, लौवारीकला व लौवारी खुर्द गांव के जंगलों में जबरदस्त कांबिंग की। साथ ही जंगल व गांव के रास्ते पर अनजान लोगों के दिखाई देने पर पुलिस को सूचना देने की बात कही। उन्होंने कहा कि अनजान व्यक्ति को अपने यहां कत्तई ठिकाना न दें। ऐसे लोग प्राय: यहां की गतिविधियों का बखूबी पता लगाने के बाद नक्सल संगठनों को सूचित करते हैं और षड़यंत्र रचने में कामयाब हो जाते हैं।

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लोगों में सुरक्षा का अहसास

जवानों ने कहा कि रात्रि में समूह में दिखाई पड़ने वाले लोगों की सूचना अवश्य दी जाय। सूचनादाता का नाम व पता गोपनीय रखा जाएंगे। इस दौरान जवानों ने गांव में जाकर लोगों में सुरक्षा का अहसास कराया। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए जवान चौकन्ना हैं। नक्सल प्रभावित गांवों में आने-जाने व अस्थाई रूप से रूकने वाले संदिग्धों की सूचना पुलिस को बेहिचक दिया जाए। ताकि उनके द्वारा अपराध किए जाने पूर्व सुरक्षा बल अंकुश लगा सकें


इसके पूर्व सीआरपीएफ के जवानों ने जंगलों के कंदराओं, गुफाओं, जलस्त्रोतों आदि की गहना पूर्वक छानबीन की। साथ ही चरवाहों व राहगीरों से नक्सलियों व जंगलों के दुर्गम रास्तों से गुजरने वाले लोगों की जानकारी ली।

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चुनाव बाद इतनी फोर्स देख सहमे ग्रामीण
विधानसभा चुनाव के बाद बड़ी संख्या जवानों की कई टुकड़ियों को पहली बार इन जंगलों में सर्च करते देख ग्रामीण सहम गए। जब उन्हें पता चला कि जवान सुरक्षा के मद्देनजर अभियान चला रहे हैं तो लोगों ने राहत की सांस ली। अत्याधुनिक असलहों से सुसज्जित जवानों ने यहां नक्सली मूवमेंट शांत पाया। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में घटना को अंजाम देने बाद नक्सली यहां ठौर-ठिकाने की तलाश में आ सकते हैं। ऐसे में जवान यहां के जंगलों में ठहरने के उनके मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे। इसके लिए खुफिया तंत्र ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।

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