देवरिया. जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शहीद हुए देवरिया के रहने वाले बीएसएफ के हेड कॉन्स्टेबल प्रेमसागर का पार्थिेव शरीर मंगलवार उनके घर भाटपरानी पहुंचा जिसे देखते ही घर में कोहराम मच गया। शहीद का पैतृक गांव भाटपार रानी के टीकमपार है। लोगों का गुस्सा पाकिस्तान के साथ ही केन्द्र सरकार पर भी साफ नजर आ रहा था। वहीं घटना से नाराज लोगों ने अंतिम संस्कार करने से साफ मना कर दिया। देर रात कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही शहीद के घर पहुंचे और परिवार वालों से बातचीत की। शाही ने शहीद के बेटे की बात सीएम योगी आदित्यनाथ से भी करवाई, जिसमें सीएम के आने की मांग की। योगी ने आने का आश्वासन दिया। जिसके बाद शहीद के परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।
बतादें कि शहीद के बेटे से बातचीत के दौरान योगी ने 13 दिन के अंदर गांव आने की बात कही। इसके अलावा गांव में पिता के नाम पर शहीद स्मारक बनाने की बेटे की मांग पर भी विचार करने का आश्वासन दिया। शहीद के बड़े बेटे ईश्वर चंद ने आदित्यनाथ से बातचीत के बाद कहा, "मैंने योगी जी से बात की और मैं संतुष्ट हूं। उन्होंने आने के लिए कहा है और मेरी नौकरी के लिए भी बात की है। चूंकि वे एक योगी हैं, इसलिए मुझे उन पर भरोसा है।
शहीद के दरवाजे पर जुटी भीड़ ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को बुलाने की मांग रख दी लोग अभी अंतिम संस्कार के लिए तैयार नही हैं। प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में भाटपाररानी के टिकमपार गांव पहुंचे कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने शहीद प्रेमसागर की पत्नी को 20 लाख का चेक प्रदान किया। श्री शाही शहीद के पार्थिव शरीर के साथ ही गांव पहुंचे । सरकारी सूत्रों की माने तो यह धनराशि प्रदेश सरकार की तरफ से दी गई है।
कैबिनेट मंत्री ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए भविष्य में हर संभव मदद का भरोसा दिया। इस दौरान सलेमपुर के सांसद रविंद्र कुशवाहा व डीएम सुजीत कुमार भी मौजूद रहे। इस दौरान शाही ने शहीद के परिवार को 26 लाख की सांत्वना राशि भी देने की बात कही। उन्होंने ये भी कहा कि भारत करारा जवाब देने में सक्षम है और दे भी रहा है।
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