bannar yllix

Thursday, 4 May 2017

कश्मीर के हालात देख ऐसा लग रहा है कि 1990 का दौर वापस आ गया। पढ़िए डिटेल रिपोर्ट...

 increased bank robbery incidents in kashmir, these are the reasons
फाइल फोटो

श्रीनगर
कश्मीर में बंदूक के दम पर बैंक डकैती 1990 की शुरुआत में अलगाववादी संघर्ष के दौरान ही शुरू हो गई थी। लेकिन हाल के दिनों में इसमें अभूतपूर्व तेजी आई है यही वजह कि सेना और पुलिस ने गुरुवार को घाटी के शोपियां जिले के 20 गांवों में छापेमारी कर बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है। 

राज्य में पहली बैंक डकैती 1990 के मध्य में श्रीनगर के पुराने शहर के महाराजगंज क्षेत्र में हुई जहां जम्मू-कश्मीर बैंक की शाखा से 40,000 रुपये लूटे गए थे। वहीं, दिनदहाड़े डकैती की दूसरी घटना 1990 के मध्य में ही अनंतनाग शहर में हुई जहां जम्मू-कश्मीर बैंक की शाखा से ही 1 करोड़ रुपये की लूट की गई। एक सरकारी बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, '1990 में असुरक्षा भरे माहौल के कारण घाटी के दुर्गम और दूरदराज के इलाकों के बैंकों की सभी शाखाएं बंद कर दी गई थीं। लेकिन जब धीरे-धीरे स्थिति सुधरी तो ये शाखाएं वापस खोली गईं।'
उस समय इन बैंकों के सारे कर्मचारी कश्मीरी पंडित समुदाय से थे, जो घाटी छोड़कर चले गए। 1990 के मध्य में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा एक विशेष भर्ती कार्यक्रम चलाया गया और स्थानीय युवाओं की भर्ती की गई। 90 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत से स्थिति सुधरने लगी और घाटी में बैंक डकैती की घटनाएं बंद हो गईं। हाल के दिनों में पिछले 6-8 महीनों से बैंक डकैतियां फिर शुरू हुई हैं। घाटी का सबसे बड़ा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इलाकाई देहाती बैंक की 50 से ज्यादा शाखाएं श्रीनगर, गांदरबाल, बदगाव, पुलवामा, अनंतनाग और कुलगाम जिलों में हैं। 


इस बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हमारी शाखाएं गांवों और शहरों में बिना किसी सुरक्षा के चल रही थीं। ग्रामीण इलाकों में कर्ज लेन-देन की प्रणाली में हमारे बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है। पिछले आठ महीनों में हमारे बैंक को लूटने की तीन असफल घटनाएं हुईं।' उन्होंने कहा, 'लेकिन पिछले हफ्ते दिनदहाड़े डकैती की दो घटनाएं हुई हैं। एक कुलगाम जिले में मंगलवार को जहां बंदूक के दम पर 65,000 रुपये लूट लिए गए तथा दूसरी पुलवामा में जहां बुधवार को 4.92 लाख रुपये लूटे गए।' 

बैंकों की दिनदहाड़े डकैती से सबसे ज्यादा खतरा जम्मू-कश्मीर बैंक को है जिसकी राज्य में गांवों और शहरों में सबसे ज्यादा शाखाएं हैं। जम्मू-कश्मीर बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, 'घाटी के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में हमारी 200 से ज्यादा शाखाएं हैं। हमारी शाखाओं की संख्या को देखते हुए हम सबसे ज्यादा खतरे में हैं।' हालांकि अधिकारी ने बैंक डकैती और नोटबंदी के बीच किसी ताल्लुक की संभावना से इनकार किया और इसे पूरी तरह कानून-व्यवस्था की समस्या बताया। 

 



.



loading...

No comments:

Post a Comment