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Wednesday, 26 April 2017

सेना पर पत्थर बरसाने वाली कश्मीरी लड़की ने कहा, भारत के लिए फुटबॉल खेलना चाहती हूं




नई दिल्ली : आपने अभी तक सिर्फ कश्मीर के पत्थरबाज लड़कों के बारे में सुना और देखा होगा, लेकिन अब कश्मीरी लड़कियां भी पत्थरबाजी करने पर उतर आई हैं. ताजा मामला श्रीनगर का है, जहां स्कूली लड़कियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंके. सोमवार को जब हफ्ते भर की बंदी के बाद कश्मीर घाटी के स्कूल और कॉलेज दोबारा खुले तो सड़कों पर एक अलग ही तरह का नजारा देखने को मिला.


श्रीनगर के मौलाना आजाद रोड पर मौजूद गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वीमेन के पास की हैं. 24 अप्रैल को श्रीनगर के अलग-अलग इलाकों में सुरक्षाबलों के साथ छात्राओं की झड़पें हुईं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीते गुरुवार को श्रीनगर के नवकडल इलाके में ऐसी ही एक झड़प में एक लड़की घायल हो गई थी. घायल लड़की का श्रीनगर के महाराज हरि सिंह अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है.


टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक, सोमवार को सेना पर पत्थरबाजी करने वाली लड़कियों में से कुछ फुटबॉल खिलाड़ी भी हैं. 21 साल की फुटबॉल खिलाड़ी ने इस बात का खुद खुलासा किया है. 
 'हां, मैंने पत्थरबाजी की थी, लेकिन मैं यह नहीं करना चाहती, मैं देश के लिए फुटबॉल खेलना चाहती हूं.'

अफशां कश्मीर की पहली महिला फुटबॉल कोच हैं.
अफशां गवर्नमेंट वीमिंज कॉलेज में बीए सेकेंड ईयर की स्टूडेंट भी हैं. उनकी टीम में कोठी बाग के गवर्नमेंट हायर सेकंडरी स्कूल की 20 लड़कियां हैं. सोमवार को जब वे प्रैक्टिस के लिए मैदान में पहुंचने वाली थीं, तब उन्होंने कुछ लड़कों को पुलिस पर पत्थरबाजी करते हुए देखा, छात्र पिछले सप्ताह पुलवामा डिग्री कॉलेज में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. 
'मैंने लड़कियों से परेशान न होने और इंतजार करने के लिए कहा. पुलिस ने हमें गलत समझा, उसे लगा कि हम वहां पत्थरबाजी करने के लिए खड़े हैं. एक पुलिसकर्मी ने आकर एक लड़की को थप्पड़ मारा, इसपर हमें गुस्सा आ गया. मैं उस लड़की का साथ देना चाहती थी और हम सबने पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी.' 

वहीं, इस मामले में पुलिस कुछ और ही कह रही है. एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, लड़कियों ने समझा कि पुलिस पीछे हट गई है और उनके खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेगी, इसलिए उन्होंने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. अधिकारी ने आगे कहा, 'पुलिस और सीआरपीएफ ने नियंत्रण बनाए रखा, जिसका सबूत यह है कि किसी स्टूडेंट को चोट नहीं लगी.'
जिस लड़की को पुलिस ने थप्पड़ मारा था उसने अपना नाम न बताते हुए कहा-
'मैंने भी पत्थर फेंके थे.' उसने कहा, 'आर्मी, सीआरपीएफ और पुलिस से नाराज हूं मैं. मैंने वह वीडियो देखा जिसमें सीआरपीएफ एक महिला को पीट रही थी. मैं उन पर पत्थरबाजी करने के लिए तैयार हूं.' उसने अपने दोस्तों की सोच भी बताई. वह बोली, लड़कों के खून से तो आजादी मिली, शायद अब लड़कियों के खून से आजादी मिलेगी. मेरे कुछ दोस्तों ने यह सोचकर पत्थरबाजी की.'



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